एक समय की बात है एक राजा अपने तीन बेटों को अपने पास बुलाता है क्योंकि राजा बूढ़ा हो चुका था और वो चाहता था कि उसकी गद्दी उसी का कोई बेटा संभाले | पर कौन हो यह नहीं जानता था | तो उसने सोचा कि थोड़ा उनसे प्रश्न किया जाए | थोडी उनकी परीक्षा ली जाए | तो वो तीनों को बुलाते हैं कि मुझे तुमसे कुछ काम है | तीनों सोच में पड़ गए कि ना जाने राजकुमार को आज हमसे क्या काम पड़ गया |
राजा कहते हैं कि मैं तुमको एक काम देता हूं उस काम को ईमानदारी से करना और जैसे ही राजा ने बोलना शुरू किया सब चुप हो गए | राजा ने अपने बेटों से पूछा कि अगर आप तीनों को किसी अपराधी को सजा देने को कहा जाए तो तुम क्या करोगे ?
तब एक राजकुमार ने कहा कि मैं उसे बड़ी से बड़ी सजा दूंगा ताकि फिर कोई वो काम ना करे |
दूसरा कहता है मैं उसे प्राण दंड दे दूंगा ताकि अगली बार वो काम करने से पहले भी लोग डर जाएं |
तीसरा बेटा थोड़ा ज्यादा समझदार था | वो कहता है कि अगर राजा की अनुमति हो तो मैं इसका जवाब देने से पहले एक कहानी सुनाना चाहूंगा | राजा ने कहा सुनाओ?
राजकुमार ने कहानी शुरू करी | एक बहुत ही अमीर राजा था उसके पास एक तोता था | वो उसको बड़े प्यार से रखता उसका बड़ा ध्यान रखता | एक दिन उस तोते ने राजा से कहा कि वो अपने मां से मिलने जाना चाहता है | राजा ने उससे कहा तुम जाओ लेकिन ज्यादा दिन नहीं रुकना और जल्दी लौट आना | तोता चला गया मां से जाकर मिलता है | कुछ दिन अपनी मां के पास रहा अपनी मां का ध्यान रखा | अब वो तोता जब वापस आ रहा था तो रास्ते में उसे एक आम का पेड़ दिखा उसने कई लोगों से यह बातें सुन रखी थी कि इस पेड़ का फल खाने से कोई भी अमर हो जाता है |
तो वो फल वो राजा के लिए लेकर आने लगा | रास्ता बहुत लंबा था इसलिए रास्ते में ही तोता थोड़ी देर के लिए सो जाता है और वो उस पेड़ के नीचे फल को रख देता है | लेकिन उस आम को एक सांप ने थोड़ा खाया लिया अब वो जहरीला हो गया | सुबह तोता उठता है और वो फल ले जाकर राजा को देता है |
राजा ने उस आम को अपने पालतू कुत्ते को थोड़ा सा खिला दिया और वो उसी वक्त मर गया | ये देखकर राजा बहुत गुस्सा हो गया और सजा के नाम पर उस तोते को मरवा दिया और शाम को दूर फिंकवा दिया |
धीरे-धीरे उस जगह पर एक आम का पेड़ उग आया | राजा ने अपने राज्य में घोषणा करवा दी कि कोई भी उस पेड़ का फल नहीं खाएगा वो पेड़ जहरीला है | उसी रास्ते से एक महिला गुजर रही थी उसे इन सब बातों की जानकारी नहीं थी उसे भूख लग रही थी और उसने वो फल खा लिया | अब धीरे-धीरे बात फैलती गई कि उसकी उम्र कम होती जा रही है | वो वापस से जवान होती जा रही है |
ये बात राजा को पता चलती है | अब राजा को समझ में आया कि उसने क्या गलती की थी | वह अपने अफसोस पर रोने लगा | वो रोने लगा कि उसने सच जाने की कोशिश क्यों नहीं की | उसने तोते से सच पूछने की कोशिश क्यों नहीं की..!! सीधा सजा क्यों सुना दी…!!
इस पर राजकुमार ने कहा कि मैं यही कहना चाहता हूं मैं नहीं चाहता कि मैं बिना सच जाने किसी को भी सजा दे दूँ | कोई भी अगर आकर कह दे कि सामने वाला गुनाहगार है तो मैं सजा सुना दूं | इसलिए मैं पहले सब कुछ जानने की कोशिश करूंगा | सच पता करने की कोशिश करूंगा कि सजा देना है या नहीं देना है ये तय करूंगा | इसी से मैं सही फैसला कर पाऊंगा और किसी बेगुनाह के साथ गलत नहीं करूंगा |
ये सब सुनकर राजा बहुत खुश होता है और अब आप समझ ही गए हैं कि वो राजा की गद्दी किसको मिलती है | इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है कि हमें कोई भी काम, कोई भी फैसला जल्दबाजी में नहीं लेना चाहिए | कोई भी बात बोलने से पहले, कोई डिसीजन लेने से पहले पूरी सिचुएशन को समझने की कोशिश करें और फिर कुछ डिसीजन लें | इससे आप गलत बात बोलने से बचेंगे | गलत फैसले लेने से बचेंगे क्योंकि MOST OF THE TIME जल्दबाजी में लिए गए फैसले ही हमें नुकसान पहुंचाते हैं |